इसरो / ISRO भारत का राष्ट्रीय अंतरिक्ष संस्थान है। भारत मे अंतरिक्ष कार्यक्रम को बढ़ावा
देने के लिए 15 August 1969 को ISRO की स्थापना की गयी। इस की स्थापना विक्रम
साराभाई ( भारत के एक महान वैज्ञानिक ) के द्वारा की गयी।
इसरो / ISRO का परिचय
इसरो / ISRO के कार्य
ISRO दो मुख्य कार्य है।
- प्रक्षेपण यान का निर्माण
- उपग्रहों को बनाना और लंच करना
प्रक्षेपण यान / Rocket
उपग्रह / Satellite
2. उपग्रह ⇒ यदि उपग्रह के बारे में बात करे तो उपग्रह दो प्रकार के होते है ।
पहला प्राकृतिक उपग्रह और दूसरा कृत्रिम उपग्रह या मानव निर्मित। प्राकृतिक उपग्रह वह है।
जिसे प्रकृति ने खुद से बनाया है जैसे – चन्द्रमा।
कृत्रिम उपग्रह वह है जिसे मनुष्यो के द्वारा बनाया गया है जैसे आर्यभट उपग्रह ।
हम मौसम जानकारी और पूर्वानुमान , comunication , पृथ्वी पर नजर रखना इत्यदि,
बहुत से कार्यो को करने के लिए जिस मशीन को अंतरिक्ष में भेजते है ।
उसे ही कृत्रिम उपग्रह कहा जाता है ।
satellite / उपग्रह की बात करे तो उपग्रह दो प्रकार के देखनो को मिलती है।
I. भू- स्थाई उपग्रह II. ध्रुवीय उपग्रह
I. भू- स्थाई उपग्रह ⇒ ऐसा उपग्रह जो पृथ्वी के इक्वेटर ( equator ) के चारो ओर घूमता है उसे भू- स्थाई कक्ष के उपग्रह कहते है।
II. ध्रुवीय उपग्रह ⇒ ध्रुवीय उपग्रह वह होते है जो, पृथ्वी के ध्रुवीय परितह घूमता है। ऐसे दो प्रकार का उपग्रह होते हैं। पहला ध्रुवीय उपग्रह और दुसरे विषवतीये उपग्रह जो की विषवत रेखा के चारो ओर घुम कर कार्य करता है। ये दो प्रकार का उपग्रह ISRO द्वारा छोड़े जाते है।
प्रक्षेपण यान कैसे काम करता है
अगर ISRO के बारे में बात करें तो इस के पास दो प्रकार के प्रक्षेपण यान हैं।
1. GSLV
2. PSLV
GSLV क्या हैं ?
GSLV का पूरा नाम Geosynchronous Satellite Launch Vehicle है । यह स्वदेशी रूप से विकसित एक क्रायोजनिक इंजन है। इसे भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ( ISRO ) के द्वारा निर्मित किया गया है
ISHRO का सबसे शक्तिशाली राकेट GSLV-mk3 है । इस की लम्बाई 43.43 मीटर और भर 640,000kg है।
इसकी छमता धरती के निचले कक्षा में 8000kg का पेलोड ले जाने की है। GSLV-mk3 में 2 बुस्टर लगे होते है जिसे s-200 नाम दिया गया है इस बुस्टर में लगभग 207000kg ईंधन ले जाने की छमता है ।
क्या आप जानते है की चंद्रयान-2 को GSLV-mk3 राकेट से लंच किया क्या था.
2. PSLV क्या हैं?
PSLV का पूरा नाम Polar Satellite Launch Vehicle है । यह स्वदेशी रूप से विकसित रॉकेट। इसे उपग्रहों को सूर्य समकालिक कक्षा में स्थापित करने के लिए विक्षित किया गया है
। यह स्वदेशी और भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ( ISRO ) के द्वारा निर्मित किया गया है
इसरो / ISRO / indian space का इतिहास
भारत ने अपना सबसे पहला उपग्रह 19 अप्रैल 1975 को सोबियत संघ की सहायता से आर्यभट को छोड़ा गया । भारत का पहला उपग्रह आर्यभट था इस का नाम भारत के महान गणितज्ञ आर्यभट के नाम पर रखा गया था । आर्यभट ने 5 दिनों के बाद काम करना बंद कर दिया ।
आर्यभट के बाद भारत का दूसरा उपग्रह 7 जून 1979 को छोड़ा गया जिस का नाम भास्कर था । यह लगभग 442 किलो का था।
भारत द्वारा निर्मित पहला प्रक्षेपण यान एसएलवी-3 से 1980 में रोहिणी उपग्रह को पृथ्वी के कक्ष में छोड़ा गया
satish dhawan space centre
भारत का पहला और एकमात्र अंतरिक्ष केंद्र सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र (Satish Dhawan Space Centre- SDSC) है ।
यह आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा में स्थित है। सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र की स्थापना : 1 अक्टूबर 1971 को हुई। वर्तमान में यहाँ दो सक्रिय लॉन्चपैड हैं।
FAQ
1. इसरो के वर्तमान अध्यक्ष कौन है 2022?
Answer- इसरो के नए अध्यक्ष श्री एस सोमनाथ हैं ।
2. इसरो के अध्यक्ष का कार्यकाल कितना होता है?
Answer- इसरो के अध्यक्ष का कार्यकाल फिक्स नहीं होता है।
3. इसरो के तीसरे अध्यक्ष कौन थे?
Answer- इसरो के तीसरे अध्यक्ष सतीश धवन थे ।
4. इसरो के प्रथम अध्यक्ष कौन है?
Answer- इसरो के प्रथम अध्यक्ष सर विक्रम साराभाई थे ।
5. इसरो का पुराना नाम क्या है?
Answer- इसरो का पुराना नाम Inscopar था ।
6. इसरो कौन से राज्य में स्थित है?
Answer- इसरो का मुख्यालय कर्नाटक (बंगलौर) में है
7. भारत का पहला अंतरिक्ष यान कौन था?
Answer- भारत का पहला अंतरिक्ष यान गगनयान है
8. भारत में कितने इसरो केंद्र हैं?
Answer- भारत में इसरो के 6 केंद्र हैं?
9. इसरो के संस्थापक कौन हैं?
Answer- इसरो के संस्थापक डॉ॰ विक्रम साराभाई थे ?
K Sivan ⇒ के. सिवान का पूरा नाम, कैलासवटिवु शिवन् है। ये भारत के एक अन्तरिक्ष वैज्ञानिक हैं ।
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