सदियों से हमलोग महाभारत के बारे में जानते आ रहें। लेकिन क्या आप को पता है की महाभारत का असली नाम या महाभारत का वास्तविक नाम क्या हैं, यदि नहीं, तो आईये जानते हैं-
इस लेख के माधयम से हम निम्नलिखित बिन्दुओ पर विस्तार से चर्चा करेंगें-
- महाभारत का असली नाम क्या है?
- महाभारत का पुराना नाम क्या है?
- महाभारत के कुल कितने नाम हैं? और
- इस का नाम महाभारत क्यों पड़ा?
Mahabharata/ महाभारत: महाभारत संसार का सबसे बड़ा यूद्ध था, इस के साथ ही यह हिन्दुओ के सबसे बड़े महाकाव्यों में सा एक है।
महाभारत के अंदर ही हिन्दुओं के गीता जैसे पवित्र उपदेश संहित है। गीता महाभारत का सबसे पवित्र भाग है,
इसका उपदेश भगवन श्री कृष्ण के द्वारा कुरुक्षेत्र के यूद्ध में अर्जुन को दिया गया था।
महाभारत सत्य और असत्य की लड़ाई है, जो एक परिवार के भाईयों के बीच का झगड़ा है।
और हस्तिनापुर नमक महाजनपद की सच्ची कहानी है।
महाभारत बहुत ही पुरानी घटना है। इस को सुरक्षित रखने के लिए ऋषियों के द्वारा याद कर के रखा जाता था।
यह स्मृति के आधार पर ही पीढ़ी दर पीढ़ी भविष्य के लिए सुरक्षित रखा गया।
जब इसे कोई याद कर लेते तो वह दूसरे को सुनाता फिर दूसरा व्यक्ति तीसरे को सुनता ऐसे ही यह पीढ़ी दर पीढ़ी सुरक्षित रहा।
जब पांडुलिपि का आविष्कार हुआ तब इसे लिख कर सुरक्षित रखने का कार्य किया गया।
इसे लिखने का काम भगवान गणेश के द्वारा किया गया और इस का संग्रहण वेद व्यास के द्वारा किया गया।
इसलिए वास्तव में महाभारत के रचनाकार महर्षि वेद व्यास को माना जाता हैं। क्योकिं उन्हों ने इसका संग्रहण किया था।
महाभारत का वास्तविक नाम (Real name of Mahabharata)
जैसा कि आप जान चुके है की महाभारत हिंदुओं का बहुत ही महत्वपूर्ण और पवित्र ग्रंथ है।
तो आइए बात करते है की महाभारत का पुराना नाम क्या है?
महाभारत का असली नाम क्या है ? और इस का नाम महाभारत कैसे पड़ा।
महाभारत का पहला या सबसे पुराना नाम जय संहिता था। जय संहिता का अर्थ विजय सम्मति ग्रन्थ या विजय की पुस्तक होता है।
जब इस का नाम जय संहिता था तब इस में लगभग 8 हजार 800 श्लोक थे।
इस के बाद महर्षि वेद व्यास ने इस में और श्लोको को जोड़े तब इस में लगभग 24 हजार श्लोक हो गये।
महभारत का नाम भारत कैसे पड़ा-
24 हजार श्लोक होने के बाद यह काफी प्रचलित होने लगा, जिसे इसका नाम जय संहिता से बदल कर भारत रख दिया गया।
महाभारत का नाम भारत रखने के पीछे सबसे बड़ा कारण था की यह भरत के वंशजो की कथा थी।
महाभारत का नाम सत्साहात्रि संहिता और महाभारत
भारत नाम पड़ने के बाद पुनः महर्षि वेद व्यास ने बहुत से ऋषियों की सहायत से इस में बहुत सारे श्लोको को जोड़ा तब इसमें लगभग 1 लाख 10 हजार से भी अधिक श्लोक हो गए। अब यह चारो वेदो से भी अधिक प्रभावशाली हो गया । तब इस का नाम सत्साहात्रि संहिता और महाभारत, रखा गया। इस का एक और भी नाम है वो है जय
जय नाम होने के सबसे सटीक कारण था की, महाभारत एक प्रकार से अपने ही भाईयों में हुई युद्ध , एवं अधर्म पर धर्म की जित का प्रतीक हैं।
महाभारत के कई नाम है और सभी के अपने अपने मायने भी हैं।
महाभारत के सभी नाम
जय नाम के आलावा महाभारत को पंचम वेद के नाम से भी जाना जाता। इसप्रकार महाभारत के 7 प्रमुख नाम हैं-
- जय संहिता,
- जय
- भारत
- सतसहस्त्री संहिता
- महाभारत
- जय
- पंचम वेद
महाभारत का अन्य नाम पंचम वेद
महाभारत में एक लाख दस हजार श्लोक होने से यह चारो वेदों से भी अधिक प्रभावशाली और मूलयवान है क्योंकि इस में पवित्र गीता का उपदेश है।
गीता का उपदेश अकेले ही कई वेदो से बड़ा है। इस में कही गयी एक एक बात बहुत ही मूल्यवान है।
इसलिए महाभारत को वेदों से भी ऊँचा स्थान देते हुए पंचम वेद कहा गया है।
महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर
प्रश्न. महभारत का वास्तविक नाम क्या हैं?
उत्तर – महाभारत के कई नाम हैं जिनमें से ये सात नाम- जय संहिता, जय, भारत, सतसहस्त्री संहिता, महाभारत
और पंचम वेद महत्वपूर्ण नाम हैं।
और महाभारत का पहला नाम जय संहिता हैं।
प्रश्न. महाभारत का सबसे पुराना नाम क्या हैं?
उत्तर – महाभारत को सबसे पहले जय संहिता नाम से जाना जाता था।
बाद में इसका नाम बदल कर जय, और भारत जैसे और नाम रखे गए।
प्रश्न. महाभारत को पंचम वेद क्यों कहा जाता है?
उत्तर – हिन्दू धर्म में महाभारत चारो वेदों से भी अधिक प्रभावशाली और मूलयवान है और इसमें गीता का पवित्र उपदेश है।
गीता का उपदे श अकेले ही कई वेदों से बड़ा है। इस में कही गयी एक – एक बात बहुत ही मूल्यवान है, इसलिए इसे पंचम वेद कहा जाता हैं?