इतिहास का सामान्य परिचय MCQ [Free PDF] : प्रश्न उत्तर और व्याख्या

इतिहास एक महत्वपूर्ण विषय है जो हमें भूतकाल के घटनाओं का अध्ययन करने का अवसर प्रदान करता है। यह हमें समझने में मदद करता है कि हमारे समाज और सांस्कृतिक विकास कैसे हुआ है। इतिहास के अध्ययन से हम विभिन्न समयांतरों में हुई घटनाओं के परिणामस्वरूप हमारी समझ में सुधार होती है। इतिहास का शब्दिक अर्थ है “गुजरा हुआ कल” और यह हमें हमारे पूर्वजों द्वारा किए गए कार्यों और घटनाओं की जानकारी प्रदान करता है। इसमें समाज, राजनीति, धर्म, विज्ञान, कला, और साहित्य के क्षेत्र में हुई घटनाएं शामिल होती हैं। आइये इतिहास का सामान्य परिचय से महत्वपूर्ण MCQ प्रश्न उत्तर पढ़े, समझे और उसका PDF डाउनलोड करें।

यहाँ 35 से अधिक इतिहास सामान्य परिचय के MCQ प्रश्न उत्तर उनके व्याख्या के साथ दिए गए हैं, जो आपको सभी प्रकार के प्रतियोगी परीक्षाओ (Competetives Exams) जैसे बैंकिंग, SSC, रेलवे, UPSC, State PSC, State Police आदि में सहयता करेंगे।

हमने यहाँ निम्न बिन्दुओं को कवर किया हैं-

  • इतिहास का सामान्य परिचय mcq
  • बहुविकल्पीय प्रश्न – Multiple choice Questions
  • प्रश्नोत्तर – Question and Answer
  • व्याख्या – Explanation
  • फ्री पीडीऍफ़ – Free PDF

इतिहास का सामान्य परिचय प्रश्न उत्तर और व्याख्या

1. वर्ष 1015 ई. किस शताब्दी में आता है?

  1. 10वीं शताब्दी ई. पू. में
  2. 10 वीं शताब्दी ई. में
  3. 11 वीं. शताब्दी ई. पू. में
  4. 11 वीं शताब्दी ई. में

उत्तर- (D)

व्याख्या :- वर्ष 1001 ई. से आगे का समय 11 वीं शताब्दी ई. में आता है।

2. विक्रम संवत प्रारंभ हुआ –[RRB – 2004]

  1. 58 ई. पू.
  2. 78 ई.
  3. 57 ई. पू.
  4. 73 ई. पू.

उत्तर- (A)

व्याख्या :- विक्रमी भारतीय उपमहाद्वीप में प्रचलित हिन्दू पंचांग है।भारत में यह अनेकों राज्यों में प्रचलित पारम्परिक पञ्चाङ्ग है। प्रायः माना जाता है कि विक्रमी संवत् का आरम्भ 58 ई.पू. में हुआ था।

3. शक संवत का प्रारम्भ किस सम्राट के शासनकाल में 78 ई. में हुआ था? [SSC-2000,2008, CRF – 2008, WBPSC- 2008. JPSC – 2008]

  1. अशोक
  2. कनिष्क
  3. हर्ष
  4. समुद्रगुप्त

उत्तर- (B)

व्याख्या :- शक संवत भारत का राष्ट्रीय संवत है जिसे कुषाण वंशी राजा कनिष्क ने 78 ई में शुरू किया।

4. गुप्त संवत (319-320 ई.) को प्रारंभ करने का श्रेय किसे दिया जाता है?

  1. चन्द्रगुप्त I
  2. चन्द्रगुप्त II
  3. समुद्रगुप्त
  4. स्कन्दगुप्त

उत्तर- (A)

व्याख्या :- चंद्रगुप्त प्रथम ने अपने शासन काल में एक नया संवत चलाया ,जिसे गुप्त संवत कहा जाता है। यह संवत गुप्त सम्राटों के काल तक ही प्रचलित रहा बाद में उस का चलन नहीं रहा। चन्द्रगुप्त प्रथम ने एक संवत ‘गुप्त संवत’ (319-320 ई.) के नाम से चलाया।

5. चन्द्रगुप्त प्रथम ने गुप्त संवत का प्रारंभ किस उपलक्ष्य में किया?

  1. अपने राज्यारोहण के समारक के रूप में
  2. शकों के उन्मूलन के उपलक्ष्य में
  3. हूणों को परास्त करने के उपलक्ष्य में
  4. इनमें से कोई नहीं

उत्तर- (A)

व्याख्या :- चन्द्रगुप्त प्रथम ने गुप्तवंश को एक साम्राज्य की प्रतिष्ठा प्रदान की। इसे इतिहास में एक नये संवत (गुप्त संवत) चलाने का श्रेय भी दिया जाता है।

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6. भारत का राष्ट्रीय पंचांग (National Calendar) किस संवत पर आधारित है? [SSC – 1999]

  1. कलि संवत
  2. विकम संवत
  3. शक संवत
  4. इनमें से कोई नहीं

उत्तर- (C)

व्याख्या :- शक संवत भारत का राष्ट्रीय संवत है जिसे कुषाण वंशी राजा कनिष्क ने 78 ई में शुरू किया।

General introduction to history MCQ with Answers and Explanation

7. हर्षवर्द्धन ने 606 ई. में हर्ष संवत की स्थापना किस उपलक्ष्य में की थी?

  1. अपने राज्यारोहण के उपलक्ष्य में
  2. कन्नौज पर अधिकार करने के उपलक्ष्य में
  3. सिंध विजय के उपलक्ष्य में
  4. पूर्वी भारत की विजय के उपलक्ष्य में

उत्तर- (A)

व्याख्या :- हर्षवर्द्धन ने 606 ई. में हर्ष संवत की स्थापना अपने राज्यारोहण के उपलक्ष्य में की थी। हर्षवर्धन (590-647 ई.) प्राचीन भारत में एक राजा था जिसने उत्तरी भारत में 606 ई से 647 ई तक राज किया। वह वर्धन राजवंश के शासक प्रभाकरवर्धन का पुत्र था। जिसके पिता अल्कोन हूणों को पराजित किया था।

8. निम्नलिखित में वह कौन-सा संवत है, जो कलचुरियों द्वारा प्रयुक्त किये जाने के कारण ‘कल्चुरि संवत’ भी कहलाता है?

  1. विक्रम संवत
  2. शक संवत
  3. त्रैकूटक संवत
  4. इनमे से कोई नहीं

उत्तर- (C)

व्याख्या :- कलचुरी शासक ‘त्रैकूटक संवत’ का प्रयोग करते थे, जो 248-249 ई. में प्रचलित हुआ था।

9. चालुक्य विक्रम संवत का प्रचलन किसने किया?

  1. तैलप II
  2. सोमेश्वर I
  3. विक्रमादित्य VI
  4. सोमेश्वर II

उत्तर- (C)

व्याख्या :- विक्रमादित्य VI (1076 – 1126 ई) पश्चिमी चालुक्य शासक था। वह अपने बड़े भाई सोमेश्वर द्वितीय को अपदस्थ कर गद्दी पर बैठा। चालुक्य-विक्रम संवत् उसके शासनारूढ़ होने पर आरम्भ किया गया।

10. निम्न कथनों पर विचार कीजिए तथा नीचे दिए गए कूट से सही उत्तर चुनिए-[UPPCS – 2011]
1. विक्रम संवत 58 ई. पू. से आरंभ हुआ
2. शक संवत सन 78 से आरंभ हुआ
3. गुप्त संवत सन 319 से आरंभ हुआ
4. भारत में मुसलमान शासन का युग सन 1191 ई. से शुरू हुआ
कूट:

  1. 1 व 2
  2. 3 व 4
  3. 1,2 व 3
  4. 1,2,3 व 4

उत्तर- (C)

व्याख्या :- विक्रम संवत 58 ई. पू. से तथा शक संवत 78 ई. से प्रारम्भ हुआ था। गुप्त काल सन 319 से आरंभ हुआ, इसका तात्पर्य चन्द्रगुप्त प्रथम के शासनकाल के आरम्भ से है। भारत में मुस्लिम शासन युग का आरंभ, मुहम्मद गोरी की तराईन के द्वितीय युद्ध में विजय (1192 ई.) से माना जाता है।

इतिहास का सामान्य परिचय वस्तुनिष्ट प्रश्न उत्तर और व्याख्या

11. निम्नलिखित में से किसे एक नये संवत चलाने का यश प्राप्त है? [UPPCS 1999]

  1. धर्मपाल
  2. देवपाल
  3. विजयसेन
  4. लक्ष्मणसेन

उत्तर- (D)

व्याख्या :- लक्ष्मण सेन 1119 ईस्वी में राजा बनें और उसी वर्ष लक्ष्मण संबत की स्थापना की। जिसका इस्तेमाल बंगाल और बिहार में कम से कम 400 वर्षों से किया जाता रहा है।

12. निम्नलिखित में कौन-सा वर्ष दिसम्बर, 2009 में शक संवत का वर्ष होगा? [UPPCS (M) 2007]

  1. 1931
  2. 1952
  3. 2066
  4. 2087

उत्तर- (A)

व्याख्या :- शक संवत कनिष्क-I ने चलाया था। यह तिथि 78 ई. मानी जाती है। अत: वर्ष 2009 में शक संवत होता – 2009 – 78 = 1931

13. विक्रम एवं शक संवत के आरंभ के बीच कितने वर्षों का अंतर है? [NET/JRF 2017]

  1. 21 वर्ष
  2. 78 वर्ष
  3. 135 वर्ष
  4. 248 वर्ष

उत्तर- (C)

व्याख्या :- विक्रम संवत व शक संवत में आपस में अंतर 57 + 78 = 135 वर्ष का अंतर है।

14. सुमेलित कीजिए:

सूची-I (संवत्सर)सूची-II (किस समय में गणना)
A विक्रम संवत्सर1. 3102 ई. पू.
B. शक संवत्सर2. 320 ई.
C. गुप्त संवत्सर3. 78 ई.
D. कलि संवत्सर4. 58 ई. पू.
  1. A – 2, B – 4, C – 5, D – 1
  2. A – 1, B – 3, C – 2, D – 4
  3. A – 4, B – 5, C – 2, D – 3
  4. A – 4, B – 3, C – 2, D – 1

उत्तर- (D)

व्याख्या :- विक्रम संवत = प्रायः माना जाता है कि विक्रमी संवत् का आरम्भ 58 ई. पू. में हुआ था। शक संवत = शक संवत् राष्ट्रीय शाके अथवा शक संवत भारत का राष्ट्रीय कलैण्डर है। यह 78 ईसवी से प्रारम्भ हुआ था। गुप्त संवत = चंद्रगुप्त प्रथम ने अपने शासन काल में एक नया संवत चलाया ,जिसे गुप्त संवत कहा जाता है। यह संवत गुप्त सम्राटों के काल तक ही प्रचलित रहा बाद में उस का चलन नहीं रहा। चन्द्रगुप्त प्रथम ने एक संवत ‘गुप्त संवत’ (319-320 ई.) के नाम से चलाया। कलि संवत = कलियुग संवत भारत का प्राचीन संवत है जो 3102 ई.पू.से आरम्भ होता है। इस संवत की शुरुआत पांडवो के द्वारा अभिमन्यु के पुत्र परिक्षित को सिँहासनारुढ़ करके स्वयं हिमालय की और प्रस्थान करने एंव भगवान श्रीकृष्ण के वैकुण्ठ जाने से मानी जाती है।

15. पुलकेशिन-I का वादामी शिलालेख शक वर्ष 465 का दिनांकित है। यदि इसे विक्रम संवत में दिनांकित करना हो तो वर्ष होगा- [UPSC – 1997]

  1. 600
  2. 300
  3. 330
  4. 407

उत्तर- (A)

व्याख्या :- पुलकेशिन-I का वादामी शिलालेख शक वर्ष 465 का दिनांकित है। यदि इसे विक्रम संवत में दिनांकित करना हो तो वर्ष 600 होगा।

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16. विक्रमी संवत 2070 को ईसवी संवत में रूपांतरित करने पर मान होगा-

  1. 2070 ई. पू.
  2. 2070 ई.
  3. 2013 ई. पू.
  4. 2013 ई.

उत्तर- (D)

व्याख्या :- विक्रम संवत् या विक्रमी भारतीय उपमहाद्वीप में प्रचलित हिन्दू पंचांग है। ईसवी सन और विक्रम सम्वत में 57 वर्षों का अंतर है। ईसवी सन 2013 में विक्रम संवत 2070 चल रहा था।

17. कैलेण्डर में वि. सं. 2063 लिखा हुआ है तो शके (शक संवत) क्या होगा? [RPSC – 2011]

  1. 1908 शाके
  2. 1918 शाके
  3. 1928 शके
  4. 1938 शाके

उत्तर- (C)

व्याख्या :- विक्रम संवत व शक संवत में आपस में अंतर 57 + 78 = 135 वर्ष का अंतर है। अत: 2063-135 = 1928।

18. प्रागैतिहास का अंत एवं इतिहास का आरंभ तब माना जाता है जब –

  1. मानव ने चलना सीखा
  2. मानव ने एक-दूसरे से बातचीत करना सीखा
  3. मानव ने लिखना सीखा
  4. मानव ने घर बनाकर रहना सीखा

उत्तर- (C)

व्याख्या :- प्रागैतिहास का अंत एवं इतिहास का आरंभ तब माना जाता है जब मानव ने लिखना सीखा।

19. इतिहास के तहत अध्ययन किया जाता है-

  1. अतीत का
  2. समाज का
  3. शासन का
  4. पर्यावरण का

उत्तर- (A)

व्याख्या :- इतिहास के अंतर्गत हम जिस विषय का अध्ययन करते हैं उसमें अब तक घटित घटनाओं या उससे संबंध रखनेवाली घटनाओं का कालक्रमानुसार वर्णन होता है। दूसरे शब्दों में मानव की विशिष्ट घटनाओं का नाम ही इतिहास है।

20. पुरातत्व में स्तर-विन्यास पद्धति (Stratigraphy) निम्नलिखित में किसको समझने के लिए प्रयुक्त की जाती है? [UPSC – 2011]

  1. किसी संस्कृति के विस्तार की सीमा
  2. भौतिक अवशेष के क्रमिक निक्षेप
  3. बस्ती निवासियों के शारीरिक लक्षण
  4. दुधारू पशुओं की सांख्यिक सम्पति

उत्तर- (B)

व्याख्या :- किसी भी पुरातात्विक स्थल का उत्खनन स्तर-विन्यास के सिद्धांत पर आधारित है। इस तिथि निर्धारण पद्धति का मूल सिद्धांत यह है कि सभी जीवित प्राणी (इनमें पेड़-पौषे भी शामिल है) वायुमंडल से रेडियोधर्मी कार्बन, ‘कार्बन-14’ ग्रहण करते हैं। जब प्राणी की मृत्यु हो जाती है तब एक ज्ञात दर के अनुसार रेडियोधर्मी कार्बन का क्षय होता है, जिससे वह सामान्य कार्बन ‘कार्बन-12’ में बदल जाता है। अत: किसी प्राचीन वस्तु में बचे हुए रेडियोधर्मी कार्बन के परिणाम की गणना करके यह हिसाब लगाना सम्भव हो जाता है कि वह कितने वर्ष पूर्व जीवित प्राणी का अंश था।

इतिहास का सामान्य परिचय MCQ प्रश्न उत्तर और व्याख्या

21. कार्बन-14 तिथि – निर्धारण पद्धति का विकास किया-

  1. हेरोडोटस ने
  2. हीगेल ने
  3. वी. ए. स्मिथ ने
  4. विलर्ड लिब्बी ने

उत्तर- (D)

व्याख्या :- रेडियोकार्बन तिथि निर्धारण : सन 1949 में रसायनशास्त्री विलर्ड लिबी के द्वारा रेडियोकार्बन विधि का आविष्कार किया गया। पुरातत्व में सबसे अधिक उपयोग होता है। वायुमंडल में कार्बन-12 (सी-12 सामान्य कार्बन) तथा कार्बन-14 (सी-14 कार्बन का एक रेडियोधर्मी समस्थानिक) के बीच का अनुपात अपरिवर्तनशील रहता है। अन्तरिक्षीय विकिरण का वायुमंडल में विद्यमान नाइट्रोजन के साथ प्रतिक्रिया होने से कार्बन-14 का निर्माण होता है।

22. काष्ठ, अस्थि और शंख के पुरातत्वीय नमूनों का काल-निर्धारण करने के लिए निम्नलिखित में से कौन-सा अपनाया जाता है? [UPSC – 1993]

  1. कार्बन – 14
  2. ऑर्गन – 40 आइसोटोप
  3. स्ट्रांशियम-90
  4. युरेनियम – 238

उत्तर- (A)

व्याख्या :- काष्ठ, अस्थि, शंख तथा अन्य पुरातात्विक जीवाश्मों के काल निर्धारण या प्राचीनता का पता लगाने हेतु रेडियो एक्टिव समस्थानिक कार्बन-14 (C-14) का प्रयोग किया जाता है। पृथ्वी तथा पुरानी चट्टानों की आयु का पता लगाने हेतु युरेनियम-238 (U-238) रेडियोएक्टिव समस्थानिक का तथा कोबाल्ट – 60 (Co-60) का प्रयोग कैंसर के उपचार में किया जाता है।

23. कार्बन डेटिंग निम्न की आयु-निर्धारण हेतु प्रयुक्त होती है- [Utt. PSC – 2008]

  1. जीवाश्म
  2. पौधे
  3. चट्टाने
  4. इनमें से कोई नहीं

उत्तर- (A)

व्याख्या :- कार्बन डेटिंग जीवाश्म की आयु-निर्धारण हेतु प्रयुक्त होती है।

24. प्रथम यूनानी इतिहासकार कौन था? [NET/JRF 2005, 2009, 2013]

  1. थ्यूसीडाईडिस
  2. हेरोडोटस
  3. मानेथो
  4. होमर

उत्तर- (B)

व्याख्या :- यूनान के प्रथम इतिहासकार एवं भूगोलवेत्ता हेरोडोटस थे। इन्होने अपने इतिहास का विषय पेलोपोनेसियन युद्ध को बनाया था। इन्होने हीस्टोरिका नामक पुस्तक लिखी।

25. द हिस्ट्रीज’ (The Histories) के रचनाकार का नाम है-

  1. हेरोडोटस
  2. मेगस्थनीज
  3. प्लूटार्क
  4. प्लिनी

उत्तर- (A)

व्याख्या :- द हिस्ट्रीज’ (The Histories) के रचनाकार का नाम हेरोडोटस है। विदित है कि हेरोडोटस को इतिहास का पिता कहा जाता है।

26. इतिहास के पिता (The Father of History) की पदवी सही अर्थों में निम्न में किससे संबंधित है? [RAS/RTS 1994-95, UPJSE- 2018]

  1. हेरोडोटस
  2. यूरीपिडिज
  3. थ्यूसीडाइडिस
  4. सुकरात

उत्तर-  (A)

व्याख्या :- हेरोडोटस को इतिहास का पिता कहा जाता है। यूनान के प्रथम इतिहासकार एवं भूगोलवेत्ता हेरोडोटस थे। इन्होने अपने इतिहास का विषय पेलोपोनेसियन युद्ध को बनाया था। इन्होने हीस्टोरिका नामक पुस्तक लिखी।

27. ‘इतिहास अपने को दोहराता है” – यह किसका कथन है?

  1. हीगेल
  2. कार्ल मार्क्स
  3. कल्हण
  4. बरनी

उत्तर- (B)

व्याख्या :- काल मार्क्स का कथन है कि ”इतिहास अपने को दोहराता है पहले त्रासदी के रूप में दूसरी बार प्रहसन की तरह”।

28. निम्नलिखित में से किसने स्पष्टतया कहा कि ”इतिहास के समस्त निष्कर्ष युक्तिसंगत साक्ष्यों पर आधारित है”? [NET/JRF 2012]

  1. हेरोडोटस
  2. थ्यूसीडाइडिस
  3. पॉलीबियस
  4. टैसिटस

उत्तर- (B)

व्याख्या :- थ्यूसीडाइडिस ने स्पष्टत: यह कहा है कि इतिहास के समस्त निष्कर्ष युक्ति संगत साक्ष्यों पर आधारित होते हैं।

29. ‘हम इतिहास से यही सीखते हैं कि आदमी इतिहास से कभी कुछ नहीं सीखता” – यह कथन किसका है?

  1. हीगेल
  2. कार्ल मार्क्स
  3. जे. बी. ब्युरी
  4. ई. एच. कार

उत्तर- (A)

व्याख्या :- “हमने इतिहास से यह सीखा है कि हमने इतिहास से कुछ नहीं सीखा।” ये कथन ‘हीगल’ का है। ‘हीगल’ एक जर्मनी का दार्शनिक था, जिसका जन्म 1770 में हुआ था। हीगल ने दर्शन और राजनीति के संबंध में अनेक विचारों का प्रतिपादन किया था।

30. निम्नलिखित में से किसने द्वंद्वात्मक भौतिकवाद के सिद्धांत का प्रतिपादन किया? [TGT – 2016]

  1. हीगल
  2. मार्क्स
  3. एंजिल्स
  4. लेनिन

उत्तर- (B)

व्याख्या :- द्वंदात्मक भौतिकवाद का सिद्धांत मार्क्स के संपूर्ण चिंतन का मूल आधार है। द्वंद का विचार मार्क्स ने हीगल से ग्रहण किया तथा भौतिकवाद का विचार फ्यूअरबाख से लिया। क्योंकि इस सिद्धांत का प्रतिपादन दो विचारों द्वंद तथा भौतिकवाद के सम्मिश्रण से हुआ है।

इतिहास का सामान्य परिचय MCQ [Free PDF] : प्रश्न उत्तर और व्याख्या

31. तिथियों के साथ प्रयुक्त होने वाला B.C. किसका संक्षिप्ताक्षर है?

  1. विफोर क्राइस्ट (Before Christ)
  2. ब्रिटिश कोलम्बिया (British Columbia)
  3. ब्रिटिश काउंसिल (British Council)
  4. बुकिंग क्लर्क (Booking Clerk)

उत्तर- (A)

व्याख्या :- BC का फुल फॉर्म Before Christ होता है। BC का मतलब ईसा मसीह के जन्म के पहले से है।

32. किसका कथन है – ”समस्त इतिहास वर्ग- संघर्ष का इतिहास है?”

  1. कार्ल मार्क्स
  2. जे. बी. ब्युरी
  3. कॉलिंगवुड
  4. ई. एच. कार

उत्तर- (A)

व्याख्या :- मार्क्सवाद के शिल्पकार कार्ल मार्क्स और फ्रेडरिक एंजेल्स ने लिखा है, ‘ अब तक विद्यमान सभी समाजों का लिखित इतिहास वर्ग संघर्ष का इतिहास है।’ मार्क्स द्वारा प्रतिपादित वर्ग-संघर्ष का सिद्धांत ऐतिहासिक भौतिकवाद की ही उपसिधि है ओर साथ ही यह अतिरिक्त मूल्य के सिद्धांत के अनुकूल है।

33. निम्नलिखित में से कौन- सा एक इतिहास के विषय में मार्क्स के दृष्टिकोण का संक्षिप्त वर्णन करता है? [CDS – 2010]

  1. इतिहास विभिन्न व्यक्तियों के बीच मुद्दों का अभिलेख है
  2. इतिहास शोषक और शोधित वर्गों के बीच संघर्ष का सिलसिला है
  3. इतिहास अतीत की घटनाओं का विश्वसनीय अभिलेख है
  4. इनमें से कोई नहीं

उत्तर- (B)

व्याख्या :- मार्क्स एक साम्यवादी आलोचक थे जिन्होंने वर्ग संघर्ष के सिद्धांत को प्रमुखता दी। उन्होंने इतिहास को वर्ग संघर्ष की प्रक्रिया की उपज बताया।

34. तिथियों के साथ प्रयुक्त होनेवाले ए. डी. (A.D.) का पूर्ण रूप होता है –

  1. एनो डॉमिनी (Anno Domini)
  2. असिस्टेंट डायरेक्टर (Assistant Director)
  3. एक्नॉलेजमेंट ड्यू (Acknowledgement Due)
  4. आफ्टर डेट (After Date)

उत्तर- (A)

व्याख्या :- AD का फुल फॉर्म Anno Domini होता है। AD का मतलब ईसा मसीह के जन्म के बाद की तारीख से है।

35. वर्ष 50 ई. पू.-

  1. वर्ष 150 ई. पू. के पहले आता है
  2. वर्ष 150 ई. पू. के बाद आता है
  3. जिस वर्ष में वर्ष 150 ई. पू. आता है
  4. जिस दशक में वर्ष 150 ई. पू. आता है

उत्तर- (B)


इतिहास का सामान्य परिचय प्रश्न उत्तर व्यख्या के साथ

36. कार्ल मार्क्स ने वर्ग-संघर्ष की प्रक्रिया को निम्नलिखित में से किस सिद्धांत की मदद से समझाया है? [UPSC – 2011]

  1. आधुनिकवाद उदारवाद
  2. अस्तित्ववाद
  3. डार्विन का विकासवाद
  4. द्वंद्वात्मक भौतिकवाद

उत्तर- (D)

व्याख्या :- द्वंदात्मक भौतिकवाद का सिद्धांत मार्क्स के संपूर्ण चिंतन का मूल आधार है। द्वंद का विचार मार्क्स ने हीगल से ग्रहण किया तथा भौतिकवाद का विचार फ्यूअरबाख से लिया। क्योंकि इस सिद्धांत का प्रतिपादन दो विचारों द्वंद तथा भौतिकवाद के सम्मिश्रण से हुआ है।

37. ‘इतिहास विगत की राजनीति है” – यह कथन किसका है? [NET/JRF 2004, 2013]

  1. स्टब्स
  2. कार्लायल
  3. सीले
  4. ट्रेवेलियन

उत्तर- (C)

व्याख्या :- इतिहास और राजनीति विज्ञान के बीच के संबंध में, स्वर्गीय सर जॉन सीले द्वारा कहा गया है कि इतिहास के बिना राजनीति का कोई मूल नहीं है और राजनीति के बिना इतिहास का कोई फल नहीं है। जॉन सीले एक निबंधकार (राजनीतिक) और इतिहासकार थे।

38. सुमेलित कीजिए: [NET/JRF – 2013]

सूची-I (लेखक)सूची – II (इतिहास की परिभाषा)
A. ओकशाट1. सम्पूर्ण इतिहास विचारों का इतिहास है।
B. ट्रैवेलियन2. इतिहास स्वत: मात्र एक विज्ञान है। इससे कम नहीं और इससे अधिक नहीं।
C. कॉलिंगवुड3. सच यह है…….. कि इतिहास में अतीत वर्तमान के साथ बदलता है।
D. ब्यूरी4. इतिहास का महत्व वैज्ञानिक नहीं है।
  1. A – 3, B – 4, C – 1, D – 2
  2. A – 2, B – 3, C – 4, D – 1
  3. A – 4, B – 2, C – 3, D – 1
  4. A – 4, B – 3, C – 1, D – 2

उत्तर- (A)

39. किस इतिहास दर्शनशास्त्री ने कहा था ”समस्त इतिहास समकालीन इतिहास है”? [NET/JRF – 2019]

  1. गायमबतिस्ता विको
  2. बेनेडिटो क्रोचे
  3. ओसवाल्ड स्पेंगलर
  4. ऑगस्टे कोम्टे

उत्तर- (B)

व्याख्या :- इतालवी दार्शनिक बेनेदितो क्रोचे​ ने एक बार कहा था, ‘सभी इतिहास समकालीन इतिहास हैं’ और समकालीन पूर्वाग्रहों के दृष्टिकोण से लिखा गया है। उन्होंने कहा कि ‘समकालीन इतिहास’ आमतौर पर एक निकट अतीत को संदर्भित करता है। वास्तविकता में समकालीन इतिहास वह होता है जो उस समय शुरू होता है जब मैं एक क्रिया करता हूं, इसे वास्तविक वर्तमान के रूप में परिभाषित किया जाता है: वह बताता है कि इन पृष्ठों को लिखते समय वह समकालीन इतिहास की सीमाओं के भीतर है।

40. ‘इतिहास अतीत एवं वर्तमान के बीच अंतहीन वार्ता है” यह किसने कहा था? [NET/ JRF- 2016, Bihar judiciary Service – 2016]

  1. ई. एच. कार
  2. चार्ल्स फर्थ
  3. कार्ल मार्क्स
  4. वी. ए. स्मिथ

उत्तर- (A)

व्याख्या :- ‘इतिहास अतीत एवं वर्तमान के बीच अंतहीन वार्ता है” यह ई. एच. कार ने कहा था। एडवर्ड हल्लेत्त को कार की उपाधि ब्रिटिश साम्राज्य के आदेशानुसार दी गयी थी, वे एक यथार्थवादी थे लेकिन बाद में मार्क्सवादी बन गए। वे एक प्रसिद्ध ब्रिटिश इतिहासकार, पत्रकार और अंतरराष्ट्रीय संबंधों के विचारक और इतिहास के भीतर अनुभववाद के एक प्रतिद्वंद्वी के रूप में जाने जाते हैं।

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